जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अपने गांव और अपनों के बीच आखिरी सांस लेने की एक वृद्ध की आस अधूरी रह गई।
जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अपने गांव और अपनों के बीच आखिरी सांस लेने की एक वृद्ध की आस अधूरी रह गई।
जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अपने गांव और अपनों के बीच आखिरी सांस लेने की एक वृद्ध की आस अधूरी रह गई।