ब्रिटेन के वैज्ञानिकों और भारत के निर्माताओं के बीच सहयोग से जीवन रक्षक मलेरिया टीके (आरटीएस, एस और आर-21) विकसित किए। इन टीकों का इस्तेमाल घाना, केन्या और मलावी में किया गया।ब्रिटेन के वैज्ञानिकों और भारत के निर्माताओं के बीच सहयोग से जीवन रक्षक मलेरिया टीके (आरटीएस, एस और आर-21) विकसित किए। इन टीकों का इस्तेमाल घाना, केन्या और मलावी में किया गया।